मधुर माँ,
मैं जो प्रतिज्ञाएँ करता हूँ वे अपनी तीव्रता और उत्साह कुछ ही समय बाद खो बैठती हैं। मैं इस उत्साह को कैसे बनाये रख सकता और अधिकाधिक बढ़ा सकता हूँ ?
उसे चाहने से ।
संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड – १६)
शुद्धि मुक्ति की शर्त है। समस्त शुद्धीकरण एक छुटकारा है, एक उद्धार है; क्योंकि यह…
मैं मन में श्रीअरविंद के प्रकाश को कैसे ग्रहण कर सकता हूँ ? अगर तुम…
...पूजा भक्तिमार्ग का प्रथम पग मात्र है। जहां बाह्य पुजा आंतरिक आराधना में परिवर्तित हो…