गार्गी के पेट अक्सर खराब हो जाता था। श्रीमाँ ने उसके लिए एक नन्हा, प्यारा-सा कार्ड भेजा, उस पर एक मज़ाकिया खरगोश का कार्टून-चित्र बना था जो एक कटोरे में से खा रहा था। कार्ड के नीचे श्रीमाँ ने लिखा
“यह तुम्हें हँसाने के लिए है। हँसना पेट के लिए बहुत अच्छा है । ”
संदर्भ : श्रीअरविंद एवं श्रीमाँ की दिव्य लीला
तुम्हारी श्रद्धा, निष्ठा और समर्पण जितने अधिक पूर्ण होंगे, भगवती मां की कृपा और रक्षा भी…
भगवान् ही अधिपति और प्रभु हैं-आत्म-सत्ता निष्क्रिय है, यह सर्वदा शान्त साक्षी बनी रहती है…
अगर चेतना के विकास को जीवन का मुख्य उद्देश्य मान लिया जाये तो बहुत-सी कठिनाइयों…
दुश्मन को खदेड़ने का सबसे अच्छा तरीक़ा है उसके मुँह पर हँसना! तुम उसके साथ…
आलोचना की आदत-अधिकांशतः अनजाने में की गयी दूसरों की आलोचना-सभी तरह की कल्पनाओं, अनुमानों, अतिशयोक्तियों,…