जब नीचे की ग्रहणशीलता ऊपर से आती हुई उस शक्ति के बराबर हो जाये जो अभिव्यक्त होना चाहती है तो कहा जा सकता है कि पूर्णता प्राप्त हो गयी है, यद्यपि वह प्रगतिशील बनी रहती हैं ।
संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-३)
जब नीचे की ग्रहणशीलता ऊपर से आती हुई उस शक्ति के बराबर हो जाये जो अभिव्यक्त होना चाहती है तो कहा जा सकता है कि पूर्णता प्राप्त हो गयी है, यद्यपि वह प्रगतिशील बनी रहती हैं ।
संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-३)
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