जब भी कोई हार जाने वाला सुझाव हो – चाहे एक स्पंदन, एक विचार या और कुछ भी – तुम निश्चित जानना वह “शैतान” का ही है ।
संदर्भ : श्रीमाँ का एजेंडा (भाग-१)
जो अपने हृदय के अन्दर सुनना जानता है उससे सारी सृष्टि भगवान् की बातें करती…
‘भागवत कृपा’ के सामने कौन योग्य है और कौन अयोग्य? सभी तो उसी एक दिव्य…
सच्चा आराम आन्तरिक जीवन में होता है, जिसके आधार में होती है शांति, नीरवता तथा…