जब हम अपनी चेतना से समस्त पराजयवाद को निकाल फेकेंगे तब हम सिद्धि की दिशा में एक बहुत बड़ी छलांग लगायेंगे।
भागवत कृपा में अपनी श्रद्धा को पूर्ण करके हम अवचेतना के पराजयवाद पर विजय पा सकेंगे।
संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)
जब हम अपनी चेतना से समस्त पराजयवाद को निकाल फेकेंगे तब हम सिद्धि की दिशा में एक बहुत बड़ी छलांग लगायेंगे।
भागवत कृपा में अपनी श्रद्धा को पूर्ण करके हम अवचेतना के पराजयवाद पर विजय पा सकेंगे।
संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)
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