परमात्मा की इच्छा


श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ

मधुर माँ,

स्त्र्षटा  ने इस जगत और मानवजाति की रचना क्यों की है? क्या वह हमसे कुछ आशा करता हैं?

जगत ‘स्वयं वही’ है। उसकी इच्छा है कि सब कुछ – हम सब, सारा जगत और पूरा विश्व – फिर से वही होने के बारे में सचेतन हो जाये।

संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड -१६)


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