मनुष्य जो कुछ थोड़ा-बहुत जानता है, उसे जीवन में उतारना ही अधिक जानने का सबसे उत्तम तरीका है, यह पथ पर आगे बढ़ने के सबसे अधिक शक्तिशाली उपाय है – बस, थोड़ा-सा जीवन में लाने का प्रयत्न हों, पर हों बहुत सच्चा। उदाहरणार्थ, जब तुम जानते हों कि अमुक चीज करने लायक नहीं है, बस, उसे नहीं करना चाहिये। जब तुम अपने अंदर एक दुर्बलता, एक अशक्तता देख लेते हों तो फिर उसे दुबारा प्रकट नहीं होने देना चाहिये । जब तुम्हें , किसी तीव्र अभिप्सा के होने पर इस बात की झलक मिल जाती है कि क्या होना चाहिये, भले ही वह एक क्षण के लिये ही मिली हों, तो फिर उसे जीवन में सिद्ध करना भूलना नहीं चाहिये – कभी भी भूलना नहीं चाहिये ।
संदर्भ : विचार और सूत्र के प्रसंग में
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