निष्ठा


श्रीअरविंद अपने कक्ष में

हर हालत में अपने गुरु के प्रति निष्ठावान बने रहो, वे चाहे कोई भी क्यों न हों; तुम जितनी दूर तक जा सको वे तुम्हें उतनी दूर तक ले जायेंगे। लेकिन अगर तुम्हें भगवान को ही गुरु के रूप में पाने का सौभाग्य प्राप्त हो तो तुम्हारी उपलब्धि की कोई सीमा न होगी।

संदर्भ : शिक्षा के ऊपर 


0 Comments