मेरा वर्तमान जीवन अनुशासनरहित है, हालांकि मैं सोचता हूँ कि वह अचंचल है । क्या आप चाहेंगी कि यह कुछ अधिक नियमित हो ?
तुम्हें अपनी भौतिक चेतना को अंदर से अनुशासित करना चाहिये और अंदर से ही तुम्हारे भौतिक जीवन के लिए व्यवस्था भी आयेगी।
संदर्भ : शांति दोशी के साथ
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