नमन


श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ

मेरे मौन और विनम्र पूजा-भाव के साथ प्रणाम … ।

मैं तेरी महिमा के आगे नमन करती हूँ क्योंकि वह अपनी सारी भव्यता के साथ मुझ पर छा जाती है ।…

कृपा कर कि मैं तेरे चरणों में घुल-मिल जाऊँ, तेरे अंदर गल जाऊँ !

संदर्भ : प्रार्थना और ध्यान 


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