भय और संकोच के बिना, हमेशा अधिक ऊंचे, अधिक दूर तक उड़ो!
आज की आशाएं भावी कल की उपलब्धियां हैं।
सन्दर्भ : माताजी के वचन (भाग-३)
भय और संकोच के बिना, हमेशा अधिक ऊंचे, अधिक दूर तक उड़ो!
आज की आशाएं भावी कल की उपलब्धियां हैं।
सन्दर्भ : माताजी के वचन (भाग-३)
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