तेरी सेवा


श्रीअरविंद आश्रम की श्री माँ की कुर्सी

गहरे और मौन निदीध्यासन या लिखित या अलिखित ध्यान की जगह हमें हर क्षण की क्रियाशीलता में तेरी सेवा करनी चाहिए और अपने-आपको तेरे साथ तदात्म करना चाहिये ।

संदर्भ : प्रार्थना और ध्यान 


0 Comments