अपनी मान्यता को साथ रखो यदि तुमको यह लगता हो कि वह तुम्हारें जीवन के निर्माण में सहायक है ; पर समझ लो कि यह सिर्फ एक मान्यता है तथा दूसरी मान्यताएँ भी इतनी ही अच्छी और यथार्थ है जितनी कि तुम्हारी।
संदर्भ : माताजी का एजेंडा (भाग-१)
शुद्धि मुक्ति की शर्त है। समस्त शुद्धीकरण एक छुटकारा है, एक उद्धार है; क्योंकि यह…
मैं मन में श्रीअरविंद के प्रकाश को कैसे ग्रहण कर सकता हूँ ? अगर तुम…
...पूजा भक्तिमार्ग का प्रथम पग मात्र है। जहां बाह्य पुजा आंतरिक आराधना में परिवर्तित हो…