ज्योतिर्मय भविष्य


श्रीअरविंद आश्रम की श्री माँ

उदार हृदय हमेशा पुराने दुर्व्यवहारों को भूल जाता है और दुबारा सामंजस्य लाने के लिए तैयार रहता है ।

आओ, हम सब उसको भूल जाएँ जो अतीत में अंधकारमय और कुरूप रहा है , ताकि ज्योतिर्मय भविष्य को ग्रहण करने के लिए हम अपने-आपको तैयार कर सकें ।

संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१७)


0 Comments