जीवन का एक प्रयोजन है-और वही एकमात्र सच्चा और स्थायी प्रयोजन है-वह हैं भगवान् । ‘उनकी’ ओर मुड़ो तो रिक्तता चली जायेगी ।
आशीर्वाद ।
संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)
जीवन का एक प्रयोजन है-और वही एकमात्र सच्चा और स्थायी प्रयोजन है-वह हैं भगवान् । ‘उनकी’ ओर मुड़ो तो रिक्तता चली जायेगी ।
आशीर्वाद ।
संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)
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