जीवन


महर्षि श्रीअरविंद अपने कक्ष में

एक समर्थ महाप्राण अपनी आन्तरिक शक्तियों के साथ

हमारी इस बौनी लघुता को सहारा देता है

जिसे हम जीवन कह कर पुकारते हैं;

यह हमारे इस रेंगने पर दो शक्तिशाली पंख लगा सकता है ।

संदर्भ : सावित्री 


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