मधुर मां,
जप का क्या उपयोग है? जब हम ध्यान के लिए बैठें तो क्या अपने अन्दर शान्ति और नीरवता प्रतिष्ठित करने के लिए ‘शान्ति’ और ‘नीरवता’ शब्दों का जप एक अच्छा तरीका है?
केवल शब्दों के रटने से कोई विशेष लाभ नहीं हो सकता।
प्राचीन और परम्परागत जप हैं जिनका उद्देश्य होता है, निम्नतर मन को वश में करना और उच्चतर शक्तियों या देवों के साथ सम्बन्ध जोड़ना। ये किसी गुरु के दिये होने चाहियें जो साथ-ही-साथ उनमें चरितार्थता की शक्ति भी भर सकें। ये ऐसे लोगों के लिए ही उपयोगी होते हैं जो तीव्र योग करना चाहते हैं और दिन में पांच-छः घण्टे योग-साधना में लगाना चाहते जिस तरह के जप की तुम बात कर रहे हो उसका प्रभाव तामसिक मन्दता पैदा करने के सिवा कुछ नहीं हो सकता, उसे मानसिक नीरवता
समझने की भूल न करनी चाहिये।
संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)
आश्रम में दो तरह के वातावरण हैं, हमारा तथा साधकों का। जब ऐसे व्यक्ति जिसमें…
मनुष्य-जीवन के अधिकांश भाग की कृत्रिमता ही उसकी अनेक बुद्धमूल व्याधियों का कारण है, वह…
श्रीअरविंद हमसे कहते हैं कि सभी परिस्थितियों में प्रेम को विकीरत करते रहना ही देवत्व…