यदि चैत्य पुरुष प्रकट हो तो वह तुमसे अपने प्रति नहीं, बल्कि माताजी के प्रति आत्मसमर्पण करने को कहेगा।
संदर्भ : माताजी के विषय में
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सच्चा आराम आन्तरिक जीवन में होता है, जिसके आधार में होती है शांति, नीरवता तथा…