चैत्य को जानने के लिये तुम्हें अपने प्राण की कामनाओं को जीत लेना और मन को नीरव कर देना चाहिये और फिर भगवान के प्रति निष्कपट समर्पण करना चाहिये जिनका मनुष्य के अन्दर चैत्य एक साधन है।
संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)
प्रत्येक व्यक्ति का सोचने, अनुभव करने तथा प्रतिक्रिया करने का अपना निजी तरीका होना ही…
सांसारिक जीवन संघर्ष का जीवन है - इस पर उचित तरीके से चलने के लिए…
जो लोग पूर्णयोग की साधना करना चाहते हैं उन्हें दृढ़ता के साथ यह सलाह दी…