कोई भी व्यक्ति अपनी चेतना को मानसिक और प्राणिक स्तर से ऊपर उठा सकता है और ऊपर से शक्ति, आनंद, प्रकाश ,ज्ञान को नीचे उतार ला सकता है; लेकिन यह कहीं अधिक कठिन और अपने परिणाम में अनिश्चित है, साथ ही खतरनाक भी, यदि सत्ता तैयार न हो या पर्याप्त रूप से शुद्ध न हो। इस उद्देश्य से चैत्य के साथ आरोहण करना निश्चित रूप से सर्वश्रेष्ठ मार्ग है ।
संदर्भ : श्रीअरविंद के पत्र (भाग-२)
अपने अन्दर माताजी के साथ रहना, उनकी चेतना के साथ संपर्क में रहना और दूसरों…
... मैं सभी वस्तुओं में प्रवेश करती हूँ, प्रत्येक परमाणु के हृदय में निवास करते…
यदि तुम घोर परिश्रम न करो तो तुम्हें ऊर्जा नहीं मिलती, क्योंकि उस स्थिति में…
प्रेम और स्नेह की प्यास मानव आवश्यकता है, परंतु वह तभी शांत हो सकती है…