आत्म-रति भयानक बाधा है ।
प्रभु-रति महान उपचार है ।
संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)
अपने अन्दर माताजी के साथ रहना, उनकी चेतना के साथ संपर्क में रहना और दूसरों…
... मैं सभी वस्तुओं में प्रवेश करती हूँ, प्रत्येक परमाणु के हृदय में निवास करते…
यदि तुम घोर परिश्रम न करो तो तुम्हें ऊर्जा नहीं मिलती, क्योंकि उस स्थिति में…