मैं रो रहा हूँ। न जाने क्यों ।
मन करें तो रो लो। परंतु चिंता मत करो। वर्षा के बाद सूर्य ज़्यादा तेजी से चमकता है ।
संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खंड-१६)
एक आन्तरिक विनम्रता अत्यंत आवश्यक है, किन्तु मुझे नहीं लगता कि बाहरी विनम्रता बहुत उपयुक्त…
चेतना के परिवर्तन द्वारा वस्तुओं की बाहरी प्रतीतियों से निकल कर उनके पीछे की सच्चाई…
नीरवता ! नीरवता ! यह ऊर्जाएँ एकत्र करने का समय है, व्यर्थ और निरर्थक शब्दों…
जब तक कि मनुष्य अपने अन्दर गहराई में नहीं जीता और बाहरी क्रिया-कलापों को बस…