चिंता न करो


श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ

मैं रो रहा हूँ । न जाने क्यों ।

मन करें तो रो लो। परंतु चिंता न करो। वर्षा के बाद सूर्य तेजी से चमकता है ।

संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)


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