खोज की प्रमुख शक्ति


Sri Aurobindo in his roon

जो कुछ मनुष्य सच्चाई के साथ और निरंतर भगवान् से चाहता है, उसे भगवान् अवश्य देते हैं। तब यदि तुम आनंद चाहो और लगातार चाहते रहो तो तुम अंत में उसे अवश्य प्राप्त करोगे। बस एकमात्र प्रश्न यह है कि तुम्हारी खोज की प्रमुख शक्ति क्या होनी चाहिए, कोई प्राणिक मांग अथवा कोई चैत्य अभीप्सा, जो हृदय के भीतर से प्रकट हो और मानसिक, प्राणिक तथा भौतिक चेतना तक अपने को संचारित कर दे। चैत्य अभीप्सा सबसे बड़ी शक्ति है और सबसे छोटा पथ बनाती है — और इसके अलावा, हमें अधिक शीघ्र या देर से उस पथ पर आना ही होगा ।

सन्दर्भ : श्रीअरविंद के पत्र (भाग -२)


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