श्रीमाँ को अपने अंदर कार्य करने देने के लिए मुझे कौन सा व्यक्तिगत प्रयास करने की आवश्यकता है ?
आवश्यकता है अपने-आपको सही चीजों – ‘शांति’, ‘प्रकाश’ , ‘सत्य’, ‘आनंद’ – की ओर उद्घाटित करने तथा गलत चीजों, जैसे, गुस्सा , मिथ्यात्व और लोभ को अस्वीकार करने की ।
संदर्भ : श्रीअरविंद के पत्र
भगवान के प्रति आज्ञाकारिता में सरलता के साथ सच्चे रहो - यह तुम्हें रूपांतर के…
अधिकतर लोग कार्यों को इसलिये करते हैं कि वे उन्हें करने पड़ते है, इसलिये नहीं…
मधुर माँ, जब श्रीअरविंद चेतना के परिवर्तन की बात करते हैं तो उनका अर्थ क्या…