श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ क्रिसमस पर्व पर
श्रीमाँ को अपने अंदर कार्य करने देने के लिए मुझे कौन सा व्यक्तिगत प्रयास करने की आवश्यकता है ?
आवश्यकता है अपने-आपको सही चीजों – ‘शांति’, ‘प्रकाश’ , ‘सत्य’, ‘आनंद’ – की ओर उद्घाटित करने तथा गलत चीजों, जैसे, गुस्सा , मिथ्यात्व और लोभ को अस्वीकार करने की ।
संदर्भ : श्रीअरविंद के पत्र
तुम्हारी श्रद्धा, निष्ठा और समर्पण जितने अधिक पूर्ण होंगे, भगवती मां की कृपा और रक्षा भी…
भगवान् ही अधिपति और प्रभु हैं-आत्म-सत्ता निष्क्रिय है, यह सर्वदा शान्त साक्षी बनी रहती है…
अगर चेतना के विकास को जीवन का मुख्य उद्देश्य मान लिया जाये तो बहुत-सी कठिनाइयों…
दुश्मन को खदेड़ने का सबसे अच्छा तरीक़ा है उसके मुँह पर हँसना! तुम उसके साथ…
आलोचना की आदत-अधिकांशतः अनजाने में की गयी दूसरों की आलोचना-सभी तरह की कल्पनाओं, अनुमानों, अतिशयोक्तियों,…