कौन योग्य और कौन अयोग्य ?


श्रीअरविंद आश्रम की श्री माँ

​’भागवत कृपा’ के सामने कौन योग्य है और कौन अयोग्य ?

 

सभी तो उसी एक दिव्य ‘मां’ के बालक हैं ।

‘उनका’ प्रेम उन सब पर समान रूप से फैला हुआ है ।

लेकिन ‘वे’ हर एक को उसकी प्रकृति और ग्रहणशीलता के अनुसार देती हैं ।

 

सन्दर्भ : माताजी के वचन (भाग – २)


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