श्रेणियाँ श्री माँ के वचन

कठिनाइयों का आमूल उपचार

मेरी नन्ही ‘शाश्वत मुस्कान’,

मुस्कराती जाओ और विशेष रूप से जब कठिनाइयाँ आयें तो और भी अधिक मुस्कुराओ। मुस्कानें सूर्य की किरणों की तरह हैं, वे बादलों को छितरा देती हैं … और अगर तुम आमूल उपचार चाहती हो तो यह रहा : स्पष्टवादिता, पूरी तरह स्पष्टवादी बनो, मुझे पूरी तरह बतलाओ कि तुम्हारें अंदर क्या चल रहा है और जल्दी ही उपचार आ जायेगा, एक सम्पूर्ण और सुखकर उपचार।

मेरे नन्ही मुस्कान को बहुत से स्नेह के साथ ।

संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)

शेयर कीजिये

नए आलेख

साधना में प्रगति

अगर तुम्हारी श्रद्धा दिनादिन दृढ़तर होती जा रही है तो निस्सन्देह तुम अपनी साधना में…

% दिन पहले

आध्यात्मिक जीवन की तैयारी

"आध्यात्मिक जीवन की तैयारी करने के लिए किस प्रारम्भिक गुण का विकास करना चाहिये?" इसे…

% दिन पहले

उदार विचार

मैंने अभी कहा था कि हम अपने बारे में बड़े उदार विचार रखते हैं और…

% दिन पहले

शुद्धि मुक्ति की शर्त है

शुद्धि मुक्ति की शर्त है। समस्त शुद्धीकरण एक छुटकारा है, एक उद्धार है; क्योंकि यह…

% दिन पहले

श्रीअरविंद का प्रकाश

मैं मन में श्रीअरविंद के प्रकाश को कैसे ग्रहण कर सकता हूँ ? अगर तुम…

% दिन पहले

भक्तिमार्ग का प्रथम पग

...पूजा भक्तिमार्ग का प्रथम पग मात्र है। जहां बाह्य पुजा आंतरिक आराधना में परिवर्तित हो…

% दिन पहले