एक प्रार्थना, एक श्रेष्ठ कर्म, एक उत्कृष्ट उद्भावना
कर सकती है युक्त मानव-बल को, एक परात्पर शक्ति से ।
संदर्भ : “सावित्री”
एक प्रार्थना, एक श्रेष्ठ कर्म, एक उत्कृष्ट उद्भावना
कर सकती है युक्त मानव-बल को, एक परात्पर शक्ति से ।
संदर्भ : “सावित्री”
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