एक नया धर्म


श्रीअरविंद और श्री माँ की समाधि

माताजी इस बात का विशेष ध्यान रखती थी कि समाधि की आध्यात्मिक पवित्रता सुरक्षित बनी रहें । वे किसी भी प्रकार के दिखावें या प्रदर्शन के विरुद्ध थी । वे नहीं चाहती थी वहाँ कोई विधि विधान शुरू हो । एक दिन लोगों को फूल उठाते और सजाते  देखकर उन्होनें कहा  “यह  लो एक नया धर्म पैदा हो रहा है ।”

संदर्भ : माताजी की झाकियाँ


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