एक अनिवार्य अनुशासन


श्रीअरविंद आश्रम की श्री माँ

यही कभी न भूलो कि मैं झगड़ों को पसंद नहीं करती और दोनों ही पक्षों को समान रूप से गलत मानती हूँ। यहाँ अपनी भावनाओ, पसंदों, नापसंदों और आवेशों पर विजय पाना एक अनिवार्य अनुशासन है ।

संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)


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