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एकमात्र सुरक्षा

​जीवन में एकमात्र सुरक्षा, अपनी पुरानी भूलों की परिणामों से बचने का एकमात्र रास्ता आंतरिक विकास है, जो भागवत उपस्थिति के साथ सचेतन एकत्व स्थापित करने में सहायक होता है । वह एकमात्र सच्चा पथप्रदर्शक हमारी सत्ता का और सभी सत्ताओंका का ‘सत्य’ है ।

संदर्भ : ‘विचार और सूत्र’ के प्रसंग में

 

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