उचित मनोभाव


श्री माँ और श्रीअरविंद का संसार

स्वांग मत करो, बनो ।

वचन मत दो, करो ।

सपने मत देखो, चरितार्थ करो ।

संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)


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