आशाएँ


श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ

हमेशा ऊँचे उड़े चलो, दूर-दूर चलते चलो, बिना हिचके चलो। आज की आशाएँ कल की सिद्धियाँ होगी।

संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)


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