आर्थिक समस्या का समाधान


श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ

क्या चेतना के सुधार से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति सुस्थिर हो जाती है?

यदि “चेतना के सुधार” का मतलब है बढ़ी हुई, विशालतर चेतना, उसकी अधिक अच्छी व्यवस्था तो परिणामस्वरूप बाहरी चीजों पर जिनमें “आर्थिक स्थिति” भी आ जाती है, स्वाभाविक रूप से ज़्यादा अच्छा नियंत्रण होगा। लेकिन जब “ज्यादा अच्छी चेतना” होगी तो स्वाभाविक है कि व्यक्ति अपनी आर्थिक स्थिति के जैसी चीजों के साथ कम व्यस्त रहेगा।

संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-३)


0 Comments