हे माँ, मैं आपसे सचमुच बहुत दूर हूँ !

इसका कारण यह है कि तुम बहुत बिखरे हुए हो – तुम्हारी चेतना एकाग्र रहने की बजाय बाहरी, सतही चीजों की ओर दौड़ती है ।

संदर्भ : शांति दोशी के साथ वार्तालाप

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