हे माँ, मैं आपसे सचमुच बहुत दूर हूँ !
इसका कारण यह है कि तुम बहुत बिखरे हुए हो – तुम्हारी चेतना एकाग्र रहने की बजाय बाहरी, सतही चीजों की ओर दौड़ती है ।
संदर्भ : शांति दोशी के साथ वार्तालाप
सबसे पहले हमें सचेतन होना होगा, फिर संयम स्थापित करना होगा और लगातार संयम को…
प्रेम और स्नेह की प्यास मानव आवश्यकता है, परंतु वह तभी शांत हो सकती है…
पत्थर अनिश्चित काल तक शक्तियों को सञ्चित रख सकता है। ऐसे पत्थर हैं जो सम्पर्क की…