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आध्यात्मिक जीवन की बाधा

आध्यात्मिक जीवन में जो चीज़ बाधक है वह शारीरिक सुख-सुविधाओं को महत्व देना और अपनी कामनाओं को आवश्यकता मान बैठना – दूसरे शब्दों में कहें तो अपने आप को धोखा देना ।

संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)

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