मां, हमारा सच्चा आध्यात्मिक जीवन कहां से आरम्भ होता है?
सच्चा आध्यात्मिक जीवन तब आरम्भ होता है जब मनुष्य को अपने चैत्य पुरुष के अन्दर भगवान् के साथ सम्पर्क प्राप्त हो जाता है, जब मनुष्य चैत्य के अन्दर भागवत उपस्थिति के बारे में सचेतन हो जाता तथा चैत्य के साथ सतत सम्बन्ध स्थापित कर लेता है। तब आध्यात्मिक जीवन
प्रारम्भ होता है, उससे पहले नहीं। सच्चा आध्यात्मिक जीवन।
जब मनुष्य अपने चैत्य पुरुष के साथ युक्त हो जाता है और दिव्य उपस्थिति के बारे में सचेतन हो जाता है, और दिव्य उपस्थिति से ही अपने कर्मों की अन्तःप्रेरणा प्राप्त करने लगता है, और जब उसकी संकल्प-शक्ति भागवत संकल्प-शक्ति की सचेतन सहयोगिनी बन जाती है, यही है प्रारम्भ-
बिन्दु।
उससे पहले, मनुष्य आध्यात्मिक जीवन का एक अभीप्सु हो सकता है, परन्तु उसे सच्चा आध्यात्मिक जीवन नहीं प्राप्त होता।
संदर्भ : प्रश्न और उत्तर १९५६
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