आत्म-विश्वास के बिना तुम कभी कुछ नहीं कर सकते … क्योंकि साधना के प्रारम्भिक बेचैनी-भरे वर्षों में तुम्हारे पास और कोई सहारा नहीं होता, जब तुम केवल आशा का ही पल्ला थामे रहते हो, और जब तुम्हारी सबसे बहुमूल्य संपत्ति होती है निष्कंप साहस और अपने अंदर श्रद्धा और विश्वास।
संदर्भ : श्रीअरविंद (खण्ड-१)
0 Comments