प्यारी माँ,
मैंने देखा है कि ‘क’ की उपस्थिती में मैं कुछ चीज़ें नहीं कर पाती जैसे, जोर-जोर से बोलना या इसी तरह की कुछ असभ्य चीज़ें करना ।
अपना अवलोकन करना अच्छा है ताकि तुम अपनी कमजोरियाँ देख सको और उन्हें सुधारने लायक बन सको।
संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)
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