अभ्यास


श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ

ज़रा-सा सच्चा निष्कपट और नियमित अभ्यास, बहुत से अल्पजीवी प्रणों से कहीं अधिक मूल्यवान है।

संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड -१६)


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