प्रश्न : क्या अभीप्सा की क्षमता अलग-अलग साधकों में उनकी प्रकृति के अनुसार बदलती रहती है ?
उत्तर: नहीं, अभीप्सा की क्षमता सभी में एक-सी होती है। वह सिर्फ पवित्रता, उत्कटता और उद्देश्य में भिन्न होती है ।
संदर्भ : श्रीअरविंद के पत्र
सबसे पहले हमें सचेतन होना होगा, फिर संयम स्थापित करना होगा और लगातार संयम को…
प्रेम और स्नेह की प्यास मानव आवश्यकता है, परंतु वह तभी शांत हो सकती है…
पत्थर अनिश्चित काल तक शक्तियों को सञ्चित रख सकता है। ऐसे पत्थर हैं जो सम्पर्क की…