अनुभव का क्षेत्र


श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ

अगर तुम कुछ न करो तो तुम्हें अनुभव नहीं हो सकता। सारा जीवन अनुभव का क्षेत्र है। तुम्हारी हर एक गति, तुम्हारा हर एक विचार, तुम्हारा हर एक कार्य एक अनुभूति हो सकता है, और उसे अनुभूति होना ही चाहिये; और स्वाभाविक है कि विशेष रूप से कार्य अनुभव का क्षेत्र है जहाँ तुम आन्तरिक प्रयास से की गयी सारी प्रगति को प्रयोग में ला सकते हो ।

संदर्भ : प्रश्न और उत्तर १९५५


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