श्रेणियाँ श्री माँ के वचन

अतीत की उपयोगिता

होना यह चाहिये कि सारा अतीत हमेशा ऐसे पायदान या सीढ़ी की तरह हो जो तुम्हें आगे ले जाये, जिसका मूल्य केवल यही है कि वह तुम्हें आगे बढ़ाता चले। अगर तुम ऐसा अनुभव कर सको और हमेशा जो बीत चुका है उसकी ओर पीठ करके, जो तुम करना चाहते हो उसी पर नजर रखो, तो बहुत तेजी से आगे बढ़ोगे, मार्ग में समय न खोओगे। जो चीज हमेशा तुम्हारा समय बरबाद करती है वह है, जो पहले कभी था उसके साथ, आज जो है उसके साथ चिपके रहना, जो था उसमें तुम्हें जो अच्छा
या सुन्दर लगा था उसके साथ बंधे रहना। इसे केवल तुम्हारी सहायता करनी चाहिये, इसका त्याग मत करो, बल्कि आगे बढ़ने में इसे तुम्हारी मदद करनी चाहिये, यह एक ऐसी चीज होनी चाहिये जिस पर तुम आगे बढ़ने के लिए पैर टिका सको।

तो किसी क्षण-विशेष में बाहरी और भीतरी परिस्थितियों का ऐसा संयोग हो जाता है कि तुम किसी विशिष्ट स्पन्दन के प्रति ग्रहणशील बन जाते हो; उदाहरण के लिए, जैसा कि तुमने कहा, तारों को देखते हुए या किसी प्राकृतिक दृश्य को निहारते हुए, कोई पृष्ठ पढ़ते हुए या कोई भाषण सुनते हुए, तुम्हें अचानक एक आन्तरिक अन्तःप्रकाश मिलता है, एक अनुभूति होती है, कोई ऐसी चीज होती है जो तुम पर प्रभाव डालती है और तुम्हें ऐसा लगता है कि तुम किसी नयी चीज के प्रति खुल गये।
लेकिन अगर तुम उसे इसी तरह से कस कर पकड़े रहना चाहो, तो तुम सब कुछ खो बैठोगे, क्योंकि तुम भूतकाल को नहीं बनाये रख सकते, क्योंकि तुम्हें बढ़ते रहना चाहिये, बढ़ते रहना चाहिये, हमेशा बढ़ते रहना चाहिये। होना यह चाहिये कि यह प्रकाश तुम्हें इसके लिए तैयार करे कि तुम अपनी पूरी सत्ता को इस नयी नींव पर संगठित कर सको ताकि तुम फिर अचानक एक दिन श्रेष्ठतर स्थिति में छलांग लगा सको।

संदर्भ : प्रश्न और उत्तर १९५५

शेयर कीजिये

नए आलेख

आश्रम के दो वातावरण

आश्रम में दो तरह के वातावरण हैं, हमारा तथा साधकों का। जब ऐसे व्यक्ति जिसमें…

% दिन पहले

ठोकरें क्यों ?

मनुष्य-जीवन के अधिकांश भाग की कृत्रिमता ही उसकी अनेक बुद्धमूल व्याधियों का कारण है, वह…

% दिन पहले

समुचित मनोभाव

सब कुछ माताजी पर छोड़ देना, पूर्ण रूप से उन्ही पर भरोसा रखना और उन्हें…

% दिन पहले

देवत्‍व का लक्षण

श्रीअरविंद हमसे कहते हैं कि सभी परिस्थितियों में प्रेम को विकीरत करते रहना ही देवत्व…

% दिन पहले

भगवान की इच्छा

तुम्हें बस शान्त-स्थिर और अपने पथ का अनुसरण करने में दृढ़ बनें रहना है और…

% दिन पहले

गुप्त अभिप्राय

... सामान्य व्यक्ति में ऐसी बहुत-से चीज़ें रहती हैं, जिनके बारे में वह सचेतन नहीं…

% दिन पहले