अंदर की बेचैनी ही तुम्हें आंतरिक और बाह्य रूप से नींद लेने से रोकती है। अच्छी नींद के लिए मन, प्राण और शरीर को भी अपने को शिथिल छोड़ना और निश्चल बनाना सीखना होगा।
संदर्भ : श्रीअरविंद के पत्र
मैं तुम्हें एक चीज की सलाह देना चाहती हूँ। अपनी प्रगति की इच्छा तथा उपलब्धि…
जिसने एक बार अपने-आपको भगवान् के अर्पण कर दिया उसके लिए इसके सिवा कोई और…
जो व्यक्ति पूर्ण योग की साधना करना चाहता है उसके लिये मानवजाति की भलाई अपने-आप…
भगवान् क्या है? तुम श्रीअरविन्द के अन्दर जिनकी आराधना करते हो वे हीं भगवान् हैं…
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