मुंह में मिठाई की अपेक्षा अच्छा कार्य हृदय के लिए ज़्यादा मीठा होता है ।
जो दिन अच्छा काम किये बिना बीतता है वह बिना आत्मा का दिन होता है ।
संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)
तुम जिस चरित्र-दोष की बात कहते हो वह सर्वसामान्य है और मानव प्रकृति में प्रायः सर्वत्र…
भगवान के प्रति आज्ञाकारिता में सरलता के साथ सच्चे रहो - यह तुम्हें रूपांतर के…
अधिकतर लोग कार्यों को इसलिये करते हैं कि वे उन्हें करने पड़ते है, इसलिये नहीं…
मधुर माँ, जब श्रीअरविंद चेतना के परिवर्तन की बात करते हैं तो उनका अर्थ क्या…