यदि कोई कहे : “मुझे परिणाम के विषय में निश्चय है, मैं जानता हूँ कि मैं जो चाहता हूँ वह भगवान मुझे देंगे,” तो क्या इससे कोई सहायता मिलती है?
तुम इस रूप में ले सकते हो। तुम्हारी श्रद्धा की तीव्रता या अटलता का यह अर्थ हो सकता है कि भगवान ने यह निर्धारित कर रखा है कि तुम्हारी श्रद्धा जिसका निर्देश करती है वह अवश्य पूर्ण हो। अचल श्रद्धा भागवत संकल्प के विध्यमान होने का चिन्ह होती है, जो होने वाला है उसकी निदर्शिका उसका प्रमाण होती है।
संदर्भ : प्रश्न और उत्तर १९२९-१९३१
तुम्हारी श्रद्धा, निष्ठा और समर्पण जितने अधिक पूर्ण होंगे, भगवती मां की कृपा और रक्षा भी…
भगवान् ही अधिपति और प्रभु हैं-आत्म-सत्ता निष्क्रिय है, यह सर्वदा शान्त साक्षी बनी रहती है…
अगर चेतना के विकास को जीवन का मुख्य उद्देश्य मान लिया जाये तो बहुत-सी कठिनाइयों…
दुश्मन को खदेड़ने का सबसे अच्छा तरीक़ा है उसके मुँह पर हँसना! तुम उसके साथ…
आलोचना की आदत-अधिकांशतः अनजाने में की गयी दूसरों की आलोचना-सभी तरह की कल्पनाओं, अनुमानों, अतिशयोक्तियों,…