Home श्री माँ के वचन निष्कपटता 2 वर्ष ago 2 वर्ष ago श्री माँ के वचन निष्कपटता by श्री माँ 2 वर्ष ago2 वर्ष ago किसी भी वस्तु को, कहीं भी, अपने सत्ता के सत्य को अस्वीकार न करने दो : यही निष्कपटता है । संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२) Post PaginationPrevious PostPreviousNext PostNext निष्कपट, माताजी के वचन भाग-२, सत्य Posted by श्री माँ 0 Comments जवाब रद्द करेंYou must be logged in to post a comment. Previous Post श्रीअरविंद का देह त्याग by श्री माँ Next Post श्रीमां जो लाना चाहती हैं by श्री माँ
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