अतिमानसिक विज्ञान का पूर्ण उद्घाटन
जब मानसिकता पीछे छूट जाती है तथा निष्क्रिय नीरवता में दूर चली जाती है, केवल तभी अतिमानसिक विज्ञान का पूर्ण उद्घाटन और उसकी प्रभुत्व-सम्पन्न तथा...
जब मानसिकता पीछे छूट जाती है तथा निष्क्रिय नीरवता में दूर चली जाती है, केवल तभी अतिमानसिक विज्ञान का पूर्ण उद्घाटन और उसकी प्रभुत्व-सम्पन्न तथा...
विभिन्न मूल्य रखने वाले लोग एक साथ, सामंजस्य मैं कैसेे रह सकते और काम कर सकते हैं? इसका समाधान यह है कि अपने अंदर...
हमारी प्रकृति भ्रांति तथा क्रिया की बेचैन अनिवार्यता के आधार पर कार्य करती है, भगवान अथाह निश्चलता में मुक्त रूप से कार्य करते हैं। यदि...
…पूजा भक्तिमार्ग का प्रथम पग मात्र है। जहां बाह्य पुजा आंतरिक आराधना में परिवर्तित हो जाती है वही से शुरू होती है सच्ची भक्ति ;...
दूसरे धर्म अधिक प्रचलित रूप से श्रद्धा और व्रतदीक्षा के धर्म हैं, किन्तु ‘सनातन धर्म’ स्वयं जीवन है; यह एक ऐसी वस्तु है जो उतनी...
योगी, सन्यासी, तपस्वी बनना यहाँ का उद्देश्य नहीं है। हमारा उद्देश्य है रूपांतर, और तुमसे अनन्तगुना बड़ी शक्ति के द्वारा ही यह रूपान्तर सम्पन्न किया...
सफ़ेद ज्योति श्रीमाँ की ज्योति है। जहां कहीं वह उतरती है या प्रवेश करती है वही वह शांति, पवित्रता, निश्चलता-नीरवता ले आती है और उच्चतर...
प्रगति धीमी हो सकती है, पतन बार-बार हो सकते हैं, परंतु यदि साहसपूर्ण संकल्प बनाये रखा जाये, तो यह निश्चित है कि हम एक दिन...
यह मैंने देख लिया है कि जो भगवान ने मुझे नहीं दिया है उसे उन्होने अपने प्रेम तथा ज्ञान के वश ही नहीं दिया है।...
प्र) आध्यात्मिक पूर्णता में क्या विनोदप्रियता का कोई स्थान है ? उ) अगर कोई सिद्ध कभी नहीं हँसता तो वह उसकी अपूर्णता है । संदर्भ...