कोई महत्वकांक्षा न रखो, और सबसे बढ़ कर यह कि कभी किसी चीज़ का दावा न करो, हर क्षण, तुम…
मधुर माँ, हम अपने मन को सब विचारों से खली कैसे कर सकते हैं? जब हम ध्यान में इसके लिए…
सम्भ्वन की शाश्वतता में प्रत्येक अवतार एक अधिक पूर्ण सिद्धि का उद्घोषक और अग्रदूत होता है। फिर भी लोगों में…
यदि हम अपने जीवन्त उदाहरण के द्वारा अपनी सिखायी बातों का सत्य बच्चे को न दिखा दें तो केवल अच्छी…
उदार हृदय हमेशा अपने पुराने दुर्व्यवहारों को भूल जाता है और दुबारा सामंजस्य लाने के लिए तैयार रहता है। आओ,…
जब अतिमानसिक दैहिक मन में अभिव्यक्त होगा, केवल तभी उसकी उपस्थिती स्थायी हो सकती है । संदर्भ : माताजी के…
बहुत शांत रहो और बहुत धीरज रखो, कभी गुस्सा न करो; दूसरों का स्वामी बनने से पहले स्वयं अपने स्वामी…
मधुर माँ, ज्ञान और बुद्धि क्या हैं ? क्या हमारे जीवन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है ? ज्ञान और बुद्धि…