
उच्चतम सत्य को जीना
सभी सिद्धान्त, सभी शिक्षाएं अन्तिम विश्लेषण में बोलने या लिखने के तरीकों से बढ़कर और कुछ नहीं होती । यहा तक की ऊंचे-से-ऊंचे अंतर्दर्शन भी उनके साथ...
सभी सिद्धान्त, सभी शिक्षाएं अन्तिम विश्लेषण में बोलने या लिखने के तरीकों से बढ़कर और कुछ नहीं होती । यहा तक की ऊंचे-से-ऊंचे अंतर्दर्शन भी उनके साथ...
अगर अपात्रता का भाव तुम्हें उमड़ती हुई कृतज्ञता से भर देता है और आनन्दातिरेक के साथ श्रीअरविन्द के चरणों पर डाल देता है तो जान...
तुम्हारी चेतना की गहराइयों में तुम्हारे अंदर रहने वाले भगवान का मंदिर, तुम्हारा चैत्य पुरुष है। यही वह केंद्र है जिसके चारों ओर तुम्हारी सत्ता...
मेरे आशीर्वाद बहुत भयंकर हैं । वे इसके लिए या उसके लिए, इस व्यक्ति या उस वस्तु के विरुद्ध नहीं होते । वे… या, अच्छा, मैं...
साधक को क्या होना चाहिये इसके बारे में मैं तुम्हारे भावों की कदर करती हूँ और उस दृष्टिकोण से, तुम जो कहते हो वह बिलकुल...